नई दिल्ली। अगर आप भी एक से ज्यादा बैंक अकाउंट (Bank Account) रखते हैं। तो ये खबर आपके काम की है। जब भी आप बैंक (Bank) में अकाउंट (Account) खुलवाने के लिए जाते हैं तो आपसे एक KYC फॉर्म भरवाया जाता है, जिसमें अकाउंट वेरिफिकेशन (Account Verification) से जुड़ी और ग्राहकों की सभी जानकारी होती है। ऐसे में अगर आप एक से ज्यादा अकाउंट रखते हैं और उन्हें एक ही मोबाइल नंबर से लिंक किया है तो आपको सावधान होने की जरुरत है। बता दें कि RBI बैंकों के साथ मिलकर इस व्यवस्था में बदलाव ला सकती है।
बैंक अकाउंट (Bank Account) की सिक्योरिटी को टाइट रखने के लिए RBI बैंकों के साथ मिलकर KYC नियमों को सख्त कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैंक अपने ग्राहकों की वेरिफिकेशन के लिए एक एक्स्ट्रा लेयर लगा सकते हैं।
किन पर लागू होगा नियम?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैंकों के इस नियम का असर एक ही नंबर से जॉइंट अकाउंट, मल्टीपल अकाउंट होल्डर्स पर ज्यादा होगा। उन्हें इसके लिए एक अन्य नंबर KYC फॉर्म में दर्ज करना होगा। ग्राहकों को जॉइंट अकाउंट के मामले में भी ऑलटर्नेट नंबर दर्ज करना होगा। वित्त सचिव टीवी सोमनाथन के नेतृत्व में एक समिति पूरे फाइनेंशियल सेक्टर में इंटेरोपेरेबल केवाईसी मानदंडों को मानकीकृत और सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। इस कदम का उद्देश्य फिनटेक कंपनियों द्वारा केवाईसी (KYC) मानदंडों में ढील के बारे में चिंताओं को दूर करना है, जिससे ऋणदाताओं के लिए जोखिम बढ़ सकता है.।
इस काम में मिलेंगे मदद
मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने मीडिया से कहा, जॉइंट अकाउंट के लिए पैन, आधार और यूनिक मोबाइल नंबर जैसे मल्टी-लेवल सेकेंडरी आइडेंटिफिकेशन मेथड पर भी विचार कर रहे हैं। सेकेंडरी आइडेंटिफिकेशन किसी व्यक्ति के कई खातों का पता लगाने की अनुमति देंगे यदि वे लिंक नहीं हैं और विभिन्न केवाईसी दस्तावेजों के साथ खोले गए हैं।
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इससे अकाउंट एग्रीगेटर (AA) नेटवर्क को संयुक्त खातों तक विस्तारित करने में भी मदद मिलेगी। वर्तमान में ढांचे के तहत वित्तीय जानकारी साझा करने के लिए केवल एकल-संचालित व्यक्तिगत खातों को शामिल किया गया है। अकाउंट एग्रीगेटर ऐसी जानकारी के धारकों से ग्राहक की वित्तीय संपत्तियों से संबंधित जानकारी प्राप्त या एकत्र करता है और इसे एकत्रित, समेकित और निर्दिष्ट उपयोगकर्ताओं के सामने प्रस्तुत करता है।